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यूएन के सतत विकास के एजेंडे के युवा संचालक

संचार और जन सूचना के लिए संयुक्त राष्ट्र की अंडर-सेक्रेटरी-जनरल, क्रिस्टीना गैलाच के साथ साक्षात्कार

न्यूयॉर्क (आईडीएन) – गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने 1 जून, 2016 को दक्षिण कोरिया के ग्योंग्जू में संपन्न 66वें संयुक्त राष्ट्र के जन सूचना विभाग (डीपीआई) / एनजीओ के सम्मेलन में सतत विकास लक्ष्य 4 – सभी के लिए समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और आजीवन अवसरों को बढ़ावा देना – के महत्व को स्वीकार करते हुए एक वैश्विक शिक्षा कार्रवाई एजेंडे को अपनाया था।

तब से क्या कुछ हुआ है? सितंबर 2015 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समर्थित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कार्यान्वयन के दूसरे वर्ष में युवा समूह क्या भूमिका निभा रहे हैं? क्या जनवरी में एक नए सेक्रेटरी-जनरल और प्रबंधन टीम के पदभार ग्रहण करने के बावजूद 2017 में एक डीपीआई/एनजीओ सम्मेलन आयोजित होगा? संयुक्त राष्ट्र में संचार और जन सूचना के लिए अंडर-सेक्रेटरी जनरल के रूप में सेवारत होने का क्या मतलब है?

इसी तरह के प्रश्न इंटरनेशनल प्रेस सिंडिकेट (आईएनपीएस) की प्रमुख एजेंसी, आईडीएन के एडिटर-इन-चीफ एवं अंतर्राष्ट्रीय संवाददाता, रमेश जौरा ने जन सूचना विभाग (डीपीआई) में संचार एवं जन सूचना के लिए अंडर-सेक्रेटरी-जनरल, क्रिस्टीना गैलाच से पूछे। पूरा प्रश्नोत्तर पढ़ें:

प्रश्न: तकरीबन सात महीने पहले 1 जून, 2016 को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने दक्षिण कोरिया के ग्योंग्जू में यूएनडीपीआई/एनजीओ सम्मेलन में एक वैश्विक शिक्षा कार्रवाई एजेंडे को अपनाया था। तब से क्या कुछ हासिल किया गया है, आप क्या कहेंगे?

उत्तर: पिछले साल ग्योंग्जू में आयोजित सम्मेलन सिविल सोसायटी के साथ संयुक्त राष्ट्र के संबंध में एक मील का पत्थर था। हमें न केवल अप्रत्याशित संख्या में एनजीओ के प्रतिभागियों बल्कि शिक्षाविदों, छात्रों और युवा समूहों का भी समर्थन मिला था। अब इस गंभीर मुद्दे को अधिक से अधिक मान्यता मिल रही है कि 2030 के एजेंडे के सभी लक्ष्यों को हासिल करने में शिक्षा का काफी महत्व है।

डीपीआई सम्मेलन के समापन के समय से ही बड़े पैमाने पर यूएन और एनजीओ समुदायों के साथ ग्योंग्जू कार्य योजना को साझा कर रहा है जिसका उद्देश्य एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में चर्च और बहस में तेजी लाना है।

सम्मेलन के समय से कई गैर-सरकारी संगठन अपने समुदाय में सक्रिय होकर कार्य योजना और 2030 के व्यापक एजेंडे को लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम ऐसे सार्वजनिक आयोजनों और पैनल चर्चाओं पर नज़र बनाए हुए हैं जिनसे महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिल रही है। कई गैर-सरकारी संगठनों ने वैश्विक नागरिकता के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को कैलेंडर में शामिल करने के प्रयास में एक संचालन समिति का गठन किया है।

प्रश्न: डीपीआई/एनजीओ सम्मेलन के इतिहास में पहली बार युवाओं ने भी एक युवा घोषणा तैयार की है और इसे जारी किया है। उस समय आपने इस बात की ओर इशारा किया था कि युवा “बड़ी संख्या में आए हैं जो संयुक्त राष्ट्र के साथ भागीदार बनने में उनके महत्व को दर्शाता है।” पिछले सात महीनों में यह भागीदारी किस हद तक विकसित हुई है?

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र और युवाओं के बीच संबंध लगातार मजबूत होता जा रहा है। हम युवाओं को सतत विकास के एजेंडे के अनिवार्य संचालकों के रूप में देखते हैं, और हम तेजी से ऐसे प्रयासों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जो जमीनी स्तर पर वास्तविक प्रगति और परिवर्तन की दिशा में युवाओं के उत्साह और जुनून का लाभ उठाने में सक्षम है।

ग्योंग्जू के सम्मेलन के बाद डीपीआई ने युवाओं और एनजीओ के युवा समूहों को वैश्विक मुद्दों के साथ बेहतर ढ़ंग से जोड़ने के तरीकों के संबंध में, यूएन और सिविल सोसायटी दोनों के लिए एक सलाहकार संस्था के रूप में काम करने के लिए एक एनजीओ युवा संचालन समिति का शुभारंभ किया है।

हर हफ्ते यूएन युवाओं के कार्यों पर प्रकाश डालने के लिए या अधिक से अधिक जागरूकता एवं भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर में कई युवा-केंद्रित कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का आयोजन कर रहा है, ताकि हम सबसे अहम वैश्विक चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकें – चाहे वह जलवायु परिवर्तन की बात हो या प्रदूषण की, समान वेतन या यौन हिंसा की, भुखमरी मिटाने या गरीबी को परास्त करने की।

और हमने युवा मामलों पर सेक्रेटरी-जनरल के विशेष दूत की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जो युवाओं की ओर से वैश्विक वकालत के प्रयासों की अगुवाई करेंगे। अहमद अलहेंदावी का कार्यकाल अभी समाप्त हुआ है और सेक्रेटरी-जनरल एंटोनियो गुटेरेस बहुत जल्द एक उत्तराधिकारी नियुक्त करने के लिए बेहद उत्सुक हैं। उन्होंने युवाओं को एकजुट करने और युवाओं के साथ काम करने को अपने जनादेश के एक प्रमुख उद्देश्य के रूप में पहचाना है।

प्रश्न: क्या आप सतत विकास के लक्ष्यों के दूसरे वर्ष में और उससे आगे युवाओं के लिए कोई विशेष भूमिका देखते हैं?

उत्तर: आज विश्व के इतिहास में युवाओं की सबसे बड़ी पीढ़ी सक्रिय है जहाँ लगभग 1.2 अरब लोग 15 से 24 वर्ष की उम्र के बीच आते हैं, और यह संख्या सिर्फ आगे बढ़ते रहने की संभावना है। युवा निस्संदेह हमारे कल के लीडर हैं और हमारे सामूहिक भविष्य को आकार देने में उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

दुनिया भर में हम युवाओं को तेजी से वैश्विक मुद्दों से, खास तौर पर सतत विकास के एजेंडे के साथ जुड़ते और बड़ा या छोटा, एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में रास्ते ढूंढते देख रहे हैं। कई लोग पहले से अपने देशों या समुदायों में नवीन परियोजनाओं और विचारों के संचालन या निगरानी के कार्यों में जुटे हैं।

आगे बढ़ते हुए, हमें युवा लोगों और युवा संगठनों को संलग्न करने का काम जारी रखना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे नए एजेंडे को लागू करने के मामले में सबसे आगे हैं। फिर युवा लोगों को अपनी आवाज उठाते रहना और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी आवाज सुनी जा रही है।

प्रश्न: 2017 की शुरुआत एक नए सेक्रेटरी-जनरल के पदभार ग्रहण करने और एक नई प्रबंधन टीम को एक साथ लिए जाने से हुई है।क्या इसके बावजूद हमें इस साल एक डीपीआई/एनजीओ सम्मेलन की उम्मीद करनी चाहिए? यदि हाँ, तो क्या किसी आयोजन स्थल के बारे में निर्णय लिया गया है?

उत्तर: हमें इस साल किसी डीपीआई/एनजीओ सम्मेलन के आयोजन की उम्मीद नहीं है – हम 2018 में अगला वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने के लिए विकल्प तलाश रहे हैं। इस बीच हम सेक्रेटरी-जनरल की टीम के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि गैर-सरकारी संगठनों के साथ हमारा कार्य उनकी मूल प्राथमिकताओं के अनुरूप है।

प्रश्न: चूंकि जन सूचना विभाग के प्रमुख के रूप में आपका कार्यकाल समाप्त होने को आ रहा है, आप यूएन की गतिविधियों के बारे में बड़े पैमाने पर जनता को जागरूक करने में अपने सामने आने वाली चुनौतियों और आपको मिली सफलताओं का वर्णन कैसे करेंगे? आपका यह अनुभव आपके अगले असाइनमेंट में आपके लिए कहाँ तक उपयोगी साबित होगा?

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र में संचार एवं जन सूचना के लिए अंडर-सेक्रेटरी जनरल के रूप में काम करना बहुत कामयाबी भरा अनुभव रहा है। मुझे उस वैश्विक टीम का नेतृत्व करने का सुअवसर मिला जो हर दिन दुनिया को संयुक्त राष्ट्र की कहानी कहती है।

चुनौती यह है कि उस कहानी को कहा कैसे जाए जब हम एक ऐसी दुनिया – एक ऐसे युग – में रहते हैं जहाँ लोग सैकड़ों अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और अनगिनत तरीकों से समाचार एवं सूचना प्राप्त करते हैं, जिनमें रेडियो, पोस्टर और टीवी जैसे परिचित माध्यम से लेकर सोशल मीडिया जैसे नए साधन शामिल हैं। हमें अधिक से अधिक संभव तरीकों से अधिक से अधिक लोगों को शिक्षित करना होगा, जबकि साथ ही साथ यह भी देखना पड़ेगा कि हमारे बजट में वृद्धि नहीं हो रही है।

यही कारण है कि इसके लिए एक चमत्कारी शब्द भागीदारी है। हम सीमाओं के पार जा सकते हैं और अलग-अलग भाषाओं, संस्कृतियों, देशों और पीढ़ियों तक पहुँच सकते हैं अगर हम सही मायनों में सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र, कार्यकर्ताओं… और यूएन के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए तैयार सभी लोगों के साथ भागीदारी में काम कर सकते हैं।

मैंने अपने हर जॉब में कुछ न कुछ सीखा है और यह कोई अलग जॉब नहीं है। मेरे लिए, हमने पिछले दो वर्षों के दौरान जिन मुद्दों पर काम किया है उनकी गहराई और विविधता अद्वितीय है। और इससे भी प्रभावशाली बात यह है कि दुनिया के हर कोने से – सदस्य देशों, मीडिया, सिविल सोसाइटी, व्यापार क्षेत्र – की ओर से यूएन के साथ काम करने की एक वास्तविक दिलचस्पी और तत्परता देखी जाती है। संयुक्त राष्ट्र एक वैकल्पिक भागीदार, सबसे शक्तिशाली संयोजक और ऐसे लोगों के लिए एक सही संवेदक है जो एक बेहतर विश्व के लिए काम करना चाहते हैं। [आईडीएन-इनडेप्थन्यूज – 21 फ़रवरी, 2017]

फोटो: 1 जून, 2016 को ग्योंग्जू, दक्षिण कोरिया में एक संवाददाता सम्मेलन में संचार एवं जन सूचना के लिए संयुक्त राष्ट्र की अंडर-सेक्रेटरी-जनरल, क्रिस्टीना गैलाच। क्रेडिट: कत्सुहीरो असागिरी। आईडीएन-आईएनपीएस

आईडीएन इंटरनेशनल प्रेस सिंडिकेट की प्रमुख एजेंसी है।

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