लेखक कलिंगा सेनेविरत्ने
वियनतियाने (आईडीएन) – अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सितंबर की शुरुआत में लाओस की यात्रा से इतिहास के सबसे भीषण युद्ध अपराधों में से एक, 1960 और 1970 के दशक में भारत-चीन युद्ध के दौरान छोटे से भूभाग से घिरे दक्षिण-पूर्व एशियाई देश की बमबारी और इसकी बड़े पैमाने पर मानवीय और विकास संबंधी लागतों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली है।
लाओ लोगों ने विकास और आर्थिक गतिविधियों पर अप्रयुक्त युद्धक सामग्रियों (UXO) के प्रभाव को कम करने के लिए अपने स्वयं के सतत विकास लक्ष्य का शुभारंभ करने के लिए आसियान और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलनों के लिए ओबामा और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून दोनों की यात्राओं का उपयोग किया।
लाओ पीडीआर में संयुक्त राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, SDG 18 विश्व स्तर पर सहमत 17 लक्ष्यों के एक सेट का नवीनतम संयोजन है जो इस वर्ष की शुरुआत में प्रभाव में आए एक नए सतत विकास के एजेंडे का महत्वपूर्ण भाग बनता है। लाओ पीडीआर ने संयुक्त राष्ट्र के अन्य सभी 192 सदस्य देशों के साथ सितंबर 2015 में न्यूयॉर्क की महासभा में एसडीजी का समर्थन किया और तब से इसे राष्ट्रीय योजनाओं और नीतियों में शामिल करने का रास्ता खोल दिया है।
लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलून सिसोलिथ और बान की मून ने 7 सितंबर को शिखर सम्मेलन की बैठकों के दौरान एक विशेष पक्ष आयोजन में लाओ की अपनी राष्ट्रीय SDG का उद्घाटन किया। इस आयोजन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि हाल के वर्षों में लाओस में UXO की वजह से हताहत हुए लोगों आधी से अधिक संख्या बच्चों की रही है जिनमें से ज्यादातर युवा लड़के हैं।
बान की-मून ने कहा, “SDG 18 के साथ, हमारा उद्देश्य इस भयानक रुझान को एक बार में और हमेशा के लिए समाप्त करना चाहते हैं। UXO संदूषण के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का मतलब यह है कि लोगों को अपने देश की सुरक्षा के संदर्भ में आत्मविश्वास की कमी है जिसका ग्रामीण किसानों और उनके परिवारों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और यह पूरे देश के विकास को अवरुद्ध करता है।”
उन्होंने आगे कहा: “मैं राष्टीय SDG जैसे एक शक्तिशाली उपकरण की मदद से UXO से अपने आपको मुक्त करने की सरकारी की प्रतिबद्धता का स्वागत करता हूँ जिससे यह पक्का हो जाएगा कि प्रयासों में संपूर्ण प्रभाव के लिए समन्वय किया जाता है।”
लाओस को विश्व में सबसे अधिक भारी बमबारी से प्रभावित देशों में से एक माना जाता है। 1964 से 1973 तक इस देश को विश्व इतिहास की कुछ सबसे भारी हवाई बमबारी का सामना करना पड़ा था।
इन नौ वर्षों में मुख्य रूप से अमेरिकी वायु सेना द्वारा 5,00,000 से अधिक बमबारी मिशन चलाए गए जिनमें बीस लाख टन से अधिक हथियार गिराये गए या इस समय आबादी के प्रत्येक आदमी, औरत और बच्चे के लिए लगभग एक टन युद्धक सामग्री गिराई गयी।
इनमें से ज्यादातर एंटी-पर्नल क्लस्टर बम थे जो विस्फोट करने या इसके बाद के तात्कालिक प्रभाव के इरादे से गिराए गए थे, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार असफलता की दर अधिक से अधिक 30 प्रतिशत तक रही होगी। नतीजतन, युद्ध समाप्त होने के 40 से अधिक वर्षों के बाद UXOs अभी भी 18 में से 15 प्रांतों को प्रभावित करते हैं।
1996-97 में किये गए राष्ट्रीय UXO सामाजिक-आर्थिक प्रभाव सर्वेक्षण में पाया गया है कि देश के 133 में से 86 जिलों (या सभी गांवों के 25 प्रतिशत) ने UXO संदूषण जारी रहने की सूचना दी।
एक अनुमान के अनुसार 8 करोड़ क्लस्टर उप-हथियार अप्रयुक्त रह गए हैं। UXO विकास परियोजनाओं के लिए कृषि और भूमि की सुरक्षित पहुँच को सीमित करता है और परिवहन एवं विद्युत् इंफ्रास्ट्रक्चर, स्कूलों, अस्पतालों और जल आपूर्ति सुविधाओं को बहुत अधिक महंगा और खतरनाक बनाता है। यही कारण है कि लाओ सरकार ने अपना स्वयं का राष्ट्रीय सतत विकास लक्ष्य यानी लक्ष्य 18 निर्धारित किया है।
“हम ग्रामीण क्षेत्रों में और मुख्य रूप से सबसे गरीब आबादी के बीच अधिक संख्या में हताहतों को देखते हैं। यही गरीबी के साथ लिंकेज है,” – यह बात UXO और लाओस में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की गरीबी यूनिट के प्रमुख निल्स क्रिस्टेनसेन ने आईडीएन-आईएनपीएस के साथ एक साक्षात्कार में कही।
उन्होंने आगे कहा, “जब आप ग्रामीण क्षेत्रों में विकास करते हैं, यह अपने आपमें एक चुनौती है। जब किसान खेतों में काम करते हैं, वहाँ जमीन के नीचे बम हो सकते हैं, इस पर उनकी आजीविका और विकास गतिविधियों पर बिलकुल सीधा जोखिम होता है।”
1975 में भारत-चीन युद्ध की समाप्ति के बाद से लाओस UXOs की भूमि को साफ करने के लिए संघर्ष कर रहा है।प्रारंभ में प्रभावित किसानों और समुदायों ने अपने जीवन पर भारी खतरे के साथ स्वयं इस कार्य को पूरा किया।
अंतरराष्ट्रीय दान और विशेष अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों का समर्थन बहुत बाद में आया क्योंकि लाओस के खिलाफ इस युद्ध को पेंटागन के “गुप्त युद्ध” के रूप में जाना जाता था जिसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने छुपा कर रखा था।यहां तक कि ज्यादातर अमेरिकी लोगों को उनकी सरकार द्वारा किए गए युद्ध अपराधों का पता भी नहीं था जो संभवतः लाओस से होकर वियतनाम तक वियतकांग आपूर्ति लाइनों को रोकने के लिए किया गया था।
1996 में लाओ सरकार ने शेष UXOs की समस्या का समाधान करने के लिए यूएनडीपी के समर्थन से एक राष्ट्रीय ऑपरेटर की स्थापना की।यह युद्ध के इन अवशेष से छुटकारा पाने के लिए देश के प्रयासों का मेरुदंड बन गया। पिछले 20 वर्षों में, UXO लाओ ने 300 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि को सुरक्षित उपयोग के लिए साफ़ किया, 13 लाख से अधिक UXO को नष्ट किया और समुदायों को अप्रयुक्त बमों के जोखिम की जानकारी देने के लिए 11,000 से अधिक गाँवों की यात्राएं की है।
“SDG 18 हमें इस दिशा में काम करने के लिए एक स्पष्ट लक्ष्य देता है,” – यह तर्क डेनमार्क के एक नागरिक क्रिस्टेनसन ने दी है। उनका कहना है, “हमने कुछ महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने की कोशिश की है, उदाहरण के लिए, हम हताहतों की संख्या को न्यूनतम संभव स्तर तक कम करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि लाओस में हर साल जान जाने की घटनाएं देखने को मिलती हैं। उन्होंने आगे कहा, “मेरा मानना है कि इस वर्ष अब तक 40 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं … हम इस दिशा में काम करना चाहते हैं ताकि आगे किसी की जान ना जाए।”
SDG 18 को लागू करने में पहले कदम के रूप में लाओ सरकार UXO संदूषण का एक व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराना चाहती है जिससे उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों में सफाई के कार्य को लक्ष्य बनाने और हताहतों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।
क्रिस्टेनसेन का तर्क है कि यूएनडीपी और लाओ सरकार के लिए चुनौती उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देना है जहां उनको काम करने की जरूरत है।उन्होंने समझाया, “अगर हम पाते हैं कि किसी गांव के पास संदूषण बहुत अधिक है तो हमें ऐसे पहाड़ों पर चढ़ने से पहले जहां कोई नहीं रहता है, उसे प्राथमिकता देनी चाहिए। “प्राथमिकता ऐसे गांवों को देनी है जहां लोग रहते हैं, जहां उनको अपनी आजीविका मिलती है, जहां प्रदूषण मानव जीवन, मानव गतिविधि के लिए एक खतरा है।”
यूएनडीपी द्वारा समर्थित UXO सेक्टर ने 2015 में एक नया, साक्ष्य-आधार UXO सर्वेक्षण दृष्टिकोण अपनाया है जिसके परिणाम स्वरूप प्रति हेक्टेयर भूमि में हथियारों की सफाई की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, जो 2014 में कम से कम 7 क्लस्टर हथियार प्रति हेक्टेयर से लेकर 2015 में 22 से अधिक क्लस्टर हथियार प्रति हेक्टेयर तक रही।
सर्वेक्षण के नए दृष्टिकोण में गांवों में और इनके आसपास सभी ज्ञात UXO की पहचान करने के लिए समुदायों के साथ विचार-विमर्श करने की जरूरत पर जोर देता है, जिसके बाद प्रत्येक पुष्टिकृत खतरनाक क्षेत्र की सीमा निर्धारित करने के लिए तकनीकी सर्वेक्षण किया गया, जिसे फिर राष्ट्रीय डेटाबेस में दर्ज किया गया और सफाई के लिए प्राथमिकता दी गई।
क्रिस्टेनसेन का तर्क है कि एक दुर्गम क्षेत्र में काम करने के लिए उपयुक्त तकनीक प्राप्त करना लाओ UXO सफाई परियोजनाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, “हम 25 सेमी व्यास तक नीचे UXOs का पता लगाने की जरूरत है,”। “हमें विभिन्न प्रकार के उपकरणों की जरूरत होगी क्योंकि यह सब इलाके पर निर्भर करता है, कुछ क्षेत्रों में मिट्टी उपकरणों के लिए दुष्कर है।”
लाओस क्लस्टर की युद्धक सामग्रियों पर कन्वेंशन के लिए एक प्रमुख समर्थक रहा है, यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो 2010 में लागू किया गया था, यह देश के पक्षों को संदूषित क्षेत्रों की सफाई करने, जखीरों को नष्ट करने और क्लस्टर युद्धक सामग्रियों से होने वाली दुर्घटनाओं के पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य करता है। [आईडीएन- इनडेप्थन्यूज़ – 05 अक्टूबर 2016]